Monday, April 4, 2011

KESH LONCH-AND DIFFICULT MUNI CHARYA -----BY CHANDRA PRAKAASH MITTAL

केश लोंच -
कई लोग कहते हैं कि साधु अपने केश लोंच करते हैं तो अपने शरीर से दुर्व्यवहार करते हैं |
सर के बालों का उपचार तीन प्रकार से हो सकता है - या तो कटिंग करवाए (बाल संवारें), या बड़ा लें या फिर केश लोंच
यदि साधु की द्रष्टि से देखा जाए तो बाल संवारने मे शरीर के प्रति राग प्रकट होता है , बढाने से जीव पड़ने की संभावना है |
इसलिए उनके पास तीसरा ही तरीका बाकी बचता है और जो स्पर्शन इन्द्रिय सम्बन्धी हिंसा होती है उसके लिए केश लोंच के
दिन मुनि प्रायश्चित्त स्वरुप उपवास करते हैं | और केश लोंच से वैराग्य की परीक्षा भी हो जाती है | वैराग्य से रहित मनुष्य केश लोंच नहीं कर सकता | ज़बरदस्ती कर भी ले तो या तो आँखों से आंसू आयेंगे या चीखेगा , चिल्लाएगा |
एक बार की बात है (सत्य घटना - स्थान : खुरई , सन 1985 ) , आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज का संघ वहां ठहरा हुआ था | वहां एक व्यक्ति था जिसे साधुओं का सत्कार देख कर कष्ट होता था |
तो एक दिन वह साधुओं की नक़ल करने के लिए साधुओं जैसी नग्न मुद्रा मे आ गया और बाज़ार मे घूमने लगा |
लोगों को पता लगा तो उनने पुलिस को खबर करी | तब एक इंस्पेक्टर आशा गोपाल जो जैन नहीं थी लेकिन साधु भक्त थी ,
उनने पहले तो उसको पुलिसवालों के तरीके से समझाया |
इस पर वह कहने लगा कि तुम मुझे क्यों मारती हो , ये सब साधु भी तो नग्न रहते है , मै भी हो गया | अब मेरा भी सत्कार करो |
तब इंस्पेक्टर आशा गोपाल ने उससे कहा , ठीक है पहले तुमसे साधु की चर्या का पालन कराते हैं फिर तुम्हारा सत्कार करेंगे |
तुरंत हवलदारों को उसके केश लोंच करने का आदेश दे दिया | और हवलदार उसके सर से उसके बाल नोंचने लगे |
वैराग्य से रहित वह व्यक्ति चीखने लगा | पहले बोली की आज केश लोंच हुआ है तो आज तो भोजन मिलेगा नहीं | फिर भी उससे खड़े होकर आहार करवाया | फिर उसको चेतावनी दी की भोजन के बाद आज दिन भर पानी नहीं मिलेगा जितना खाना है खा लो | उसे पेट भरकर पकवान आदि खिलाया और शाम को जब वह पानी मांगने लगा तो बोली की साधू तो एक ही बार आहार करते हैं और एक ही बार जल | अब कल तक तो पानी नहीं मिलेगा |
अब उस व्यक्ति को समझ आया की साधु की चर्या क्या होती है और वह साधुओं के चरणों मै नतमस्तक हो गया |
आजकल कई लोग साधुओं के ऊपर आक्षेप लगाते हैं, उन्हें ऐसा करने से पहले उनकी कठिन चर्या को जान लेना चाहिए |

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