भगवान अपने पूर्वभवमें सोलहकारण भावना का चिन्तवन करते है.
इसीलिए भगवान की माता भगवान के गर्भ में आने पर सोलह स्वप्न देखती है ..
१) ऐरावत हाथी – उत्तम पुत्र की प्राप्ति
२) श्वेत उत्तम बैल – समस्त लोक में ज्येष्ठ
३) सिंह – अनंत बल से युक्त
४) माला युगल – अमिचिन धर्म का उपदेश
...५) लक्ष्मी – मेरु पर देवो द्वारा अभिशिक्त
६) पूर्ण चन्द्रमा – समस्त लोगो को आनंद देने वाला
७) सूर्य – देदीप्यमान प्रभा का धारक
८) कलश युगल – अनेंक निधियो के स्वामी
९) मीन युगल – परम सुखी
१०) सरोवर – १००८ लक्षणों से युक्त
११) समुद्र – केवलज्ञान रूपी समुद्र से युक्त
१२) सिंहासन – जगत गुरु साम्राज्य नायक
१३) देवो का विमान – जन्मादी महोत्सव में स्वर्गो से देव आयेंगे
१४) नागेन्द्र भवन – अवधि ज्ञान से युक्त
१५) रत्न राशि – गुणों की खान
१६) धूम्र रहित अग्नि – निर्वाण प्राप्त करने वाला
इसीलिए भगवान की माता भगवान के गर्भ में आने पर सोलह स्वप्न देखती है ..
१) ऐरावत हाथी – उत्तम पुत्र की प्राप्ति
२) श्वेत उत्तम बैल – समस्त लोक में ज्येष्ठ
३) सिंह – अनंत बल से युक्त
४) माला युगल – अमिचिन धर्म का उपदेश
...५) लक्ष्मी – मेरु पर देवो द्वारा अभिशिक्त
६) पूर्ण चन्द्रमा – समस्त लोगो को आनंद देने वाला
७) सूर्य – देदीप्यमान प्रभा का धारक
८) कलश युगल – अनेंक निधियो के स्वामी
९) मीन युगल – परम सुखी
१०) सरोवर – १००८ लक्षणों से युक्त
११) समुद्र – केवलज्ञान रूपी समुद्र से युक्त
१२) सिंहासन – जगत गुरु साम्राज्य नायक
१३) देवो का विमान – जन्मादी महोत्सव में स्वर्गो से देव आयेंगे
१४) नागेन्द्र भवन – अवधि ज्ञान से युक्त
१५) रत्न राशि – गुणों की खान
१६) धूम्र रहित अग्नि – निर्वाण प्राप्त करने वाला
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