Sunday, November 27, 2011

raam-sugreev milan ki katha,sahas gati adi sambandhi katha.

राम -सुग्रीव  मिलन  की  कथा ,साहस  गति  अदि  सम्बन्धी  कथा .
साहस गति...जो की सुतारा(सुग्रीव-स्त्री) को चाहता था..लेकिन वह उसे पा नहीं पाया,और उसका विवाह  सुग्रीव से हो गया ...लेकिन उसने सुतारा को पाने के लिए विद्या सिद्ध की जिससे रूप बदल सकते थे...वह वोह विद्या सिद्ध करके सुतारा के पास आया...और सुग्रीव की तरह बातें करने लगा..और क्रिया करने लगा..लेकिन सुतारा उसके लक्षणों से समझ गयी की यह सुग्रीव नहीं है...कुछ देर बाद सुग्रीव भी आया..दोनों में बड़ी दुविधा हुई...की कौन असली है,कौन नकली..बल्कि सुतारा जानती थी की असली सुग्रीव कौन है..लेकिन मंत्रियों ने कहा की आधा राज्य दोनों को दे दिया जाए..मतलब आधी सेना,सुग्रीव को,आधी सेना दुसरे सुग्रीव को...और सुतारा के साथ कोई भी नहीं रहेगा...असली सुग्रीव तोह सुतारा को न पाकर व्याकुल होने लगा..उसपे यह बहुत बड़ी परेशानी थी....,उन्होंने हनुमान को भी मदद के लिए बुलाया ..लेकिन वह असली नकली का भेद न होने के कारण वोह भी वापिस चले गए...श्री राम तोह पातळ लंका में विराजित थे ही...तब सुग्रीव श्री राम से मिलने आया और पूरा वृतांत कहा...सुग्रीव को वादा दिया की वह उनकी मदद करेंगे..लेकिन उनको भी उन्हें सीता को ढूंढना पड़ेगा...जब श्री राम उस नकली सुग्रीव से मिलने आये..तब श्री राम बलभद्र को देखते ही साहस-गति की रूप परिवर्तनी विद्या भाग गयी,और साहस गति का असली स्वरुप सबके सामने आ गया...उस साहस गति से  सारा राज्य ले लिया...अब पूरा राज्य सुग्रीव का हो गया...सुग्रीव ने श्री राम से उनसे कुछ पुत्रियों का विवाह करने का प्रस्ताव रखा...जिसे श्री राम ने अततः स्वीकार किया...श्री राम सीता के बिना उदासीन ही रहते...दूसरी रानियाँ उन्हें मनाती..लेकिन उन्हें सबमें सीता ही दिखाई देती,वह कभी किसी रानी से जनक-सुते भी बोल देते थे...सुग्रीव भोगों में इतना लीं हो गए की अब राम चन्द्र की मदद करने का कोई ख्याल ही नहीं रहा...यह हुई साहस गति सम्बंधित और राम-सुग्रीव मिलन की katha

No comments:

Post a Comment