Sunday, August 28, 2011

TYPES OF KEVALI


केवली  के  प्रकार
1.सामान्य  केवली:- जिन्हें  केवल  ज्ञान  प्राप्त  हुआ  है वे  सामान्य केवली कहलाते  है    
2.तीर्थंकर   केवली:- इनके  5kalyanak hote hai be tithakar kevli(videh kshetr me 2 ya 3 vale bhi)
3.antrakrit   केवली:-jo keval gyan k bad turant moksh chale jate है......५ ह्र्स्व  स्वर  के  ucharan me jitna samay lage!!!! bo भी  इसे  मुनि  द्वारा  जो  १२ अंगों  का  पाठ  ४८ मिनट  क अन्दर  कर  लेते  है     
4.upsarg kevli:- jinhe u...psarg k bad kevalgyan hota hai
5.muk kevli:- jinki diwyadhwani nahi khirti!!!!!
6.samudghat kevli;-jinke aayu karm purn ho gaya hai or baki 3 aghatiya karmo ki sthiti ko aayukarm k barabar karne k liye samudghat karte hain......ye char prakar k hote hai
1.dand:-atma k radesho ka dandakar hona
2.kapat:-aatma k pradesho ka darwaje k aakar ka hona
3.pratar:-aatma k pradesho ka tinoloko me thoda2 fail jana
4.lokpuran:-aatma k pradesho ka 3noloko me prrn vyapt ho jana
samudhghat me jiv ko 8samay lagta hai 4 me failna or 4 me sikudna!!!!!! eske bad ayog kevli ho jate hai or 5 hashv swaro a,i,u,lr,rir bolne me jitna samay lage unte me moksh chale jate hain!!!
7.anubadh kevli:-kram se ek ka moksh ho jane k bad usi samay dusre ka keval gyan hona !!!!! jese mahaveer swami k moksh k bad gautam swami ko hua !!!!!!!!!!!
8.shrut kevli:-shruk kevli ko kevalgyan nahi hota ve shrut gyan k dwara sampurn 12 ango ko jante hain!!!!!!!!!

3 comments:

  1. Please check this info sahi nahi hai....

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  2. 🙋🏻〽
    🚩केवली भगवान के 7 प्रकार🚩
    केवली ——- जो तीन काल व तीन लोक की समस्त पर्यायो व पदार्थो को युगपत ( एकसाथ ) जानते है वह केवली कहलाते है
    केवली 7 प्रकार के होते है
    🚩🙏🙏🚩
    👉1—तीर्थंकर केवली —– जिनके पंचकल्याणक होते है व तीर्थंकर प्रकृति का उदय होता है व जिनका समवशरण लगता है वह तीर्थंकर केवली कहलाते
    🚩🙏🙏🚩
    👉2—–सामान्य केवली —– कोई विशेषता न होने पर , सामान्य मनुष्य संयम धारण करके 4 घातिया कर्मो का नाश करता उन्हे सामान्य केवली कहते या यू भी कह सकते जिनके पंचकल्याणक नही होता , समवशरण नही लगता वह सामान्य केवली है
    🚩🙏🙏🚩
    👉3—-अंत:कृत केवली —–जो जीव संयम धारण करके 48मिन्ट यानि अन्तरमूहूर्त मे केवलज्ञान प्राप्त कर लेते वे अन्त:कृत केवली
    जैसे भरत चक्रवर्ती
    🚩🙏🙏🚩
    👉4—उपसर्ग केवली —- संयम धारण करने पर उपसर्ग होने के बाद जिनको केवलज्ञान की प्राप्ति होती उन्हे उपसर्ग केवली कहते जैसे गजकुमार मुनि पर हुआ व कुलभूषण व देशभूषण मुनि
    विशेष —–कभी भी उपसर्ग केवल ज्ञान होने के बाद नही होता
    केवलज्ञान होने से पहले ही उपसर्ग होता है
    🚩🙏🙏🚩
    👉5—-मूक केवली —–जिनकी वाणी केवलज्ञान होने के बाद भी नही खिरती उन्हे मूक केवली कहते है
    जैसे भरत चक्रवर्ती के 923 पुत्र मूक केवली हुऐ
    🚩🙏🙏🚩
    👉6—समुदघात केवली —-जिन केवली का आयु कर्म पूरा होने मे तथोडा समय शेष रहता लेकिन अन्य कर्म नाम , गोत्र व वेदनीय ये कर्म बाकी रह गऐ तब उन को समाव करने के लिऐ आत्मा के प्रदेश फैलते है उन्हे समुदघात केवली कहते है
    🚩🙏🙏🚩
    👉7—अनुबद्ध केवली —–एक केवली को मोक्ष हो जाने के पश्चात तुरत ही दूसरे को केवलज्ञान हो जाना , उनके बीच कोई अंतर नहीे रह जाना उन्हे अनुबद्ध केवली कहते है जैसे महावीर स्वामि के पश्चात गौतम स्वामि को हुआ
    ये अनुबद्ध केवली कहलाऐ. 🙋🏻〽

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