Saturday, March 17, 2012

SUTAK-PAATAK-KE-VISHAY-MEIN.

सूतक-पातक-के-विषय-में

सूतक-के-पहले-दिन-भी-मंदिर-प्रवेश-कर-सकते-हैं-मंदिर-के-शास्त्र-वर्तन-कुछ-भी-स्पर्श-नहीं-करेंगे-गंधोधक-दुसरे-से-ले-लेंगे..गर्भ-गृह-में-भी-नहीं-जायेंगे-विधवा-औरत-उसी-दिन -भी-मंदिर-जा-सकती-हैं-
जो-आपके-प्राचीन-रीति-रिवाज-आपको-आगम-से-दूर-रखते-हैं-उन्हें-बदल-डालो..-आचार्य विद्यासागर    जी.
मंदिर-की-दरी-पर-न-बैठे-खरे-होकें-पूजा-करा-सकते-हैं-शास्त्र-प्रवचन-सुन-सकते-हैं-चटाई-पर-बैठके.
आगम-के-अनुसार-रुढियों-को-बदल-देना-चाहिए.
श्री-रतन-लाल-बैनाडा  जी-पंडित जी.

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