विराधित श्री राम चन्द्र जी और लक्ष्मण जी को लेकर पाताल लंका गए तोह चंद्रनाखा का दूसरा पुत्र सुन्दर युद्ध करने आया..उसको युद्ध कर के वध कर दिया..और अन्दर प्रवेश किया...पाताल-लंका में सबका नागरिकों ने स्वागत किया...सब अति हर्षित दोनों युगल राज-कुमारों को dekhte
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