Monday, March 26, 2012

SAHNAN

सहनन-हड्डियाँ-किस-तरह-से-जुडी-हैं..वह-तरीका

६-प्रकार-का-होता-है
१.वज्र-वृषभ-नाराच-सहनन--मतलब-वज्र-के..कठोर,वृषभ-मतलब-वेष्ठन-भी-व्रज-का-नाराच-मतलब-कीलें-भी-व्रज-की-हों..मतलब-जहाँ-हड्डियाँ,कीलों-से-जुडी-हों..और-व्रज-की-हों..और-वेष्ठन-भी-व्रज-का-हो.

मोक्ष-इसी-सहनन-से-संभव-है
६३-शलाका-पुरुषों-के-यही-सहनन-होता-है,भोगभूमि-के-मनुष्य,पुरुष-और-स्त्री-,और-तिर्यंच-सबका-वज्र--वृषभ-नाराच-सहनन-होता-है.
इससे-उपशम-और-क्षपाक-श्रेणी-दोनों-चढ़ी-जा-सकती-है.

२.वज्र-नाराच-सहनन-मतलब-व्रज-की-कीलें..और-हड्डियाँ..मतलब-वेष्टन-वज्र-का-न-हो....जहाँ-कीलें-और-हड्डियाँ-वज्र-की-हों.लेकिन-वेष्ठन-वज्र-का-न-हो.

३.नाराच-सहनन--जहाँ-हड्डी-और-कीलें-तोह-हों...लेकिन-वज्र-की-न-हो

दूसरा-और-तीसरा-सहनन-मुक्ति-में-कारण-नहीं-है,उत्तम-तोह-है...इनसे-उपशम-श्रेणी-चढ़ी-जा-सकती-है...

४.अर्ध-नाराच-सहनन---जहाँ-हड्डी-और-कीलें-तोह-हों..लेकिन-आधी-जुडी-हुई-हों.
यह-पंचम-काल-में-उत्पन्न-जीवों-के-हो-सकता-है.
५.कीलक-सहनन--जहाँ-हड्डियाँ-एक--दुसरे-में-फ़सी-हुईं-हो..
६.

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